कविता

पेड़

छोड़ो सब बेकार की बातें,आओ अब कुछ पेड़ लगायें। छाया होगी,फूल खिलेंगें,फल आयेंगे सब मिल खायें।। अपनी सीमा उतनी ही है,दूजे की हो शुरू जहां से। हम-तुम समझें पहले इसको,फिर ...

कहानी

चिठ्ठी

प्रत्येक शनिवार दोपहर में वह पत्र पेटिका का ताला खोलता है | उसमें से पत्रों को बाहर निकालता है | एक-एक करके सबको पढ़ता है | ...

लघु कथा

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लेख

समीक्षा

‘सन्देह के दायरे’ डॉ. जयशंकर शुक्ल द्वारा लिखित कुल चार कहानी संग्रहों बेबसी, सन्देह के दायरे, भरोसे की आँच, तथा आँगन की धूप में से एक उकृष्ट रोचक एवं पठनीय ...

गज़ल

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