फिर मिलेंगे कहीं

गुलशन खिंजा बन गई तेरे जानें के बाद ,
हम रोये बहुत तूमको भुलानें के बाद ।
तेरी आरजू रही तुझे भूल जायेंगे हम ,
तू भी रो पड़ी मेरे हाथ छुड़ाने के बाद ।।1।।
तुझे रोक न सके हम ये कैसी बेबसी थी ।
तू देखती रही मुड़ के दूर जानें के बाद ।।2।।
दिल को धड़कन से जुदा देख नहीं सकते ।
आँसू टपक पड़ा वही पलक उठानें के बाद ।।3।।
तू जिंदा रहे इन यादों के ताबीर में ” पुष्प ” ।
फिर मिलेंगे कहीं इस जमानें के बाद ।।4।।
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