Author: सुशीला साहू
बिल्ली मौसी
बिल्ली मौसी आती रोज नहीं किसी से डरती रोज गुड़िया बोली बिल्ली मौसी तुमतो दिखती शेरनी जैसी म्याऊँ – म्याऊँ कर आती हो दूध ...आसमान के तारे
सुन्दर-सुन्दर तारे हैं प्यारे – प्यारे तारे हैं नभ में प्रतिदिन झूला झूलें नहीं कभी चमकना भूलें जगमग दिए सा जलते हैं हर मौसम ...