गीत
मन की तारों
मन की तारों को झंकृत कर दो आज, बना धुन गीतों को अलंकृत कर दो आज। रोम-रोम गाने लगे बजे सुमधुर साज, बेसुध नजारों ...मेरा सुख तुमको मिल जाए
मेरा सुख तुमको मिल जाए और तुम्हारी पीड़ा मुझको कंकरीला पथ मुझे मुबारक फूलों भरी डगर हो तुझको हर उदास मौसम मेरा हो तुम्हें ...दर्दों का यह अनुबंध प्रीति से
अधरों का संबंध गीत से बहुत पुराना है दर्दों का अनुबंध प्रीति से बहुत पुराना है नेह द्वार पर मनुहारों की सांकल बजती है ...एक दर्द की बात न पूछो
अगणित दर्द छुपाए बैठा एक दर्द की बात न पूछो दिन तो गिन गिन कट जाएंगे किंतु रात की बात न पूछो शब्द ...मैं तुम्हारे मौन का भी
मैं तुम्हारे मौन का भी अर्थ पढ़ना जानता हूं तुम कहो या मत कहो सामर्थ गढ़ना जानता हूं सम्मोहन का मंत्र बांचती है ...गीतों की पालकी
गीतों की पालकी बैठकर शब्द आज मेरे घर आए भाव छंद लय ताल साथ ले अलंकार नव स्वर में गाए व्याकुल ...