कहानी
माँ के नाम की चिठ्ठी
प्रत्येक शनिवार दोपहर में वह पत्र पेटिका का ताला खोलता है | उसमें से पत्रों को बाहर निकालता है | एक-एक करके सबको पढ़ता ...अपनी–अपनी संतुष्टि
उस दिन जब घंटी बजी तो मैंने ही दरवाजा खोला था | बाहर अखबार वाला था | उसने नमस्ते करते हुए उस माह का ...उसके हिस्से की धूप
मई माह की चिलचिलाती धूप में झुलसते और गर्म हवाओं के तमाचे खाते हुए वह तेज़-तेज़ कदम रखते हुए घर की ओर बढ़ रहा ...