कविता– कविता कल्पना और विचारों (भावों) का तालमेल है | महान साहित्यकार आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने ‘कविता क्या है ?’ शीर्षक से एक महत्वपूर्ण लेख लिखा है | जिसमें उन्होंने बताया है, “भाव सौन्दर्य और नाद सौन्दर्य दोनों के संयोग से कविता की सृष्टि होती है | कविता मनुष्य के ह्रदय को उन्नत करती है और ऐसे-ऐसे उत्कृष्ट और अलौकिक पदार्थों का परिचय कराती है जिसके द्वारा यह लोक, देवलोक और मनुष्य देवता हो सकता है, वे लिखते हैं कि कविता सृष्टि-सौन्दर्य का अनुभव कराती है | जो मनुष्य को सुन्दर वस्तुओं में अनुरक्त करती है | कविता की बोली और साधारण बोली में अंतर है |