साहित्य
पकौड़ा जर्नलिस्ट
पत्रकारिता में जितने भी दिहाड़ी पत्रकार हैं क्यों न उन्हें पकौड़ा जर्नलिस्ट कहा जाय,खबर बिकी मतलब पकौड़ा बिका, जी भाई बिकी लिखना अखरना नही ...उसके हिस्से की धूप
मई माह की चिलचिलाती धूप में झुलसते और गर्म हवाओं के तमाचे खाते हुए वह तेज़-तेज़ कदम रखते हुए घर की ओर बढ़ रहा ...जीवन की अंतरवीणा
मन की अंतरवीणा कोलाहल को भेद उमंग तरंग के छंदों से कुछ कहती कुछ गाती प्रतिबिंबित करती मधुर रागों को तेरा सूनापन भी मैं ...